मेरे सांवरे की ये दया का असर है,
जहाँ देखता हूँ ये आता नज़र है,
मेरे साँवरे की ये दया का असर है।।
तर्ज – तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ।
नज़र मथुरा काशी,
मेरी बन गयी हैं,
नज़र में छवि,
श्याम की बस गई है,
कभी घूमूँ गोकुल,
कभी वृंदावन में,
हज़ारों नज़ारें,
मेरे आज मन में,
मेरा मन मुझी से यूँ,
हुआ बेखबर है,
मेरे साँवरे की ये दया का असर है।।
कभी मटकियों से,
वो माखन चुराना,
कभी कुंज गलियों में,
रास रचना,
वो छूप छुप के राधे,
रानी का आना,
बताऊँ क्या मंज़र,
हसीं है सुहाना,
बगल राधे रानी और,
बंसी अधर है,
मेरे साँवरे की ये दया का असर है।।
मुझे मिल गया है,
कृष्ण मुरारी,
नज़र से नज़र की,
हुई बात सारी,
बसी मन के अंदर,
हसीं श्याम सूरत,
नहीं है किसी की,
मुझे अब ज़रूरत,
हुआ धन्य ‘शर्मा’ जो,
करी ये महर है,
मेरे साँवरे की ये दया का असर है।।
मेरे सांवरे की ये दया का असर है,
जहाँ देखता हूँ ये आता नज़र है,
मेरे साँवरे की ये दया का असर है।।
Singer – Prashant Suryavanshi
Nice