मैरे सतगुरू देव मुरारी हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
तुं त अजर अमर अविनाशी हो,
तेरे चरणां में मथुरा काशी हो,
तन्नै कहते संकटहारी हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
भगमां कुर्ता लाल टिकारी,
धोती तेरी वा कोटन आली,
तेरी शान मेरे मन भाई हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
समचाणा धाम सजागया हो,
दुनिया का भला करागया हो,
तन्नै पुजः दुनिया सारी हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
रोहित शर्मा मणिये फेरः,
सचिन दहिया पल पल टेरः,
दे दी तन्नै लहदारी हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
मैरे सतगुरू देव मुरारी हो,
मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो।।
प्रेषक – राकेश कुमार जी।
खरक जाटान(रोहतक)
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