रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है,
मेरे श्याम का फागण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
हर हाथों में श्याम ध्वजा,
लहराते प्यारे प्यारे,
खाटू की गलियों के,
रंग रंगीले हुए नजारे,
मस्ती का एक अलग रंग सा छाया है,
मेरे श्याम का फागुण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
सबके दिलों में फागुण के,
मेले की एक उमंग है,
जिसको देखो उसके ऊपर,
चढ़ा श्याम का रंग है,
बाबा ने सबको ही दीवाना बनाया है,
मेरे श्याम का फागुण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
बज रहे ढोल नगाड़े,
घूमर होती कहीं धमाल है,
जिधर भी देखो आता नजर,
उड़ते रंग गुलाल है,
रंग भरा मौसम सबको ही भाया है,
मेरे श्याम का फागुण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
चारों तरफ से यहां हो रही,
रंगों की बौछार है,
प्रेमियों के संग होली खेलन,
सांवरिया तैयार है,
‘कुंदन’ भी रंग की पोटली लाया है,
मेरे श्याम का फागुण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है,
मेरे श्याम का फागण मेला आया है,
मेरे श्याम का लखि मेला आया है।bd।
Singer – Mamta Bharti