मेरे श्याम की चौखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है,
कल ख्वाब में मैने देखा है,
किस्मत ये बदलने वाली है,
मेरे श्याम की चौंखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है।।
परिवार के संग धन तेरस पर,
खाटू नगरी में जाना है,
जाकर के के श्याम की चौखट पर,
श्रद्धा का दिप जलाना है,
इस बार दीवाली तो मेरी,
कुछ ख़ास ही मनने वाली है,
कल ख्वाब में मैने देखा है,
किस्मत ये बदलने वाली है,
मेरे श्याम की चौंखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है।।
जब श्याम मिलेंगे खाटू में,
और बोलेंगे जब वो मुझको,
इस बार दीवाली पर बतला,
भला कौन सी चीज़ मैं दूँ तुझको,
मैं बोलूँगा हर मुश्किल तो,
बाबा तुमने ही टाली है,
कल ख्वाब में मैने देखा है,
किस्मत ये बदलने वाली है,
मेरे श्याम की चौंखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है।।
बाबा की कृपा वैसे तो,
हरपल मुझ पर ही रहती है,
मेरे श्याम की किरपा की गंगा,
‘केशव’ के घर पर बहती है,
सब देखेंगे ‘शर्मा’ की अब,
दुनिया में चलने वाली है,
कल ख्वाब में मैने देखा है,
किस्मत ये बदलने वाली है,
मेरे श्याम की चौंखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है।।
मेरे श्याम की चौखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है,
कल ख्वाब में मैने देखा है,
किस्मत ये बदलने वाली है,
मेरे श्याम की चौंखट पर भक्तो,
मनती हर रोज दीवाली है।।
स्वर – केशव शर्मा।