मेरे श्याम सौंप दिया है,
अपने जीवन कि नैया तुझे,
बीच भंवर में फँस गई हूँ,
तुम उबारो कन्हैया मुझे।।
तर्ज – तेरे नाम।
झूठे रिश्ते नाते झूठी यारी है,
बस पैसों से चलती रिश्तेदारी है,
दुनिया का दस्तूर समझ ना आता है,
अपना ही अपनों से धोखा खाता है,
गिर ना पडूँ गिर ना पडूँ,
गिर ना पडूँ कहीं लड़खड़ा के,
तुम सम्भालो कन्हैया मुझे।।
बहते इन अश्कों ने तुझे पुकारा है,
तू ही तो हारे का श्याम सहारा है,
आ जाओ संकट कि बदरी छाई है,
मैं हारी ये श्याम तेरी रुसवाई है,
तेर सिवा तेर सिवा,
तेर सिवा कौन है मेरा,
तुम बचालो कन्हैया मुझे।।
हाल ए दिल तुझको अपना सुनाऊँ मैं,
तेरे होते और कहीं क्यों जाऊं मैं,
जब जब दुनिया ने मुझको ठुकराया है,
तूने ही अपनाकर साथ निभाया है,
मांगे ‘तरुण’ मांगे ‘तरुण’,
मांगे ‘तरुण’ अपनी शरण में,
तुम लगा लो कन्हैया मुझे।।
मेरे श्याम सौंप दिया है,
अपने जीवन कि नैया तुझे,
बीच भंवर में फँस गई हूँ,
तुम उबारो कन्हैया मुझे।।
Singer – Gudiya Vibha Mishra