मेरे तन में भी राम,
मेरे मन में भी राम,
रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे।।
जैसे चंदा में राम,
जैसे सूरज में राम,
अम्बर तारों में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे।।
जैसे भीलनी के राम,
जैसे मीरा के श्याम,
नर नारी में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे।।
जैसे सीता के राम,
जैसे राधा के श्याम,
पत्ते पत्ते में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे।।
मेरे तन में भी राम,
मेरे मन में भी राम,
रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे।।
गायक – धीरज शर्मा।
प्रेषक – दीपक पाठक।
8286773955