जिसने तेरे दर पे शीश झुकाया,
उसको तूने अपने गले लगाया,
क्या क्या तूने उसको नहीं दिया है,
जिसने भी दिल से कहा है,
मेरी बगिया के रखवाले,
श्याम खाटू वाले।।
जबसे मिला है तेरा ठिकाना,
आसान हुआ है जीवन चलाना,
रहती थी पहले मुश्किल बड़ी ही,
पर अब मिला खुशियों का खज़ाना,
तू खोले बंद किस्मत के ताले,
मेरी बगियां के रखवाले,
श्याम खाटू वाले।।
कह दे जो इक बार तुझसे कन्हैया,
बन जाता है तू उसका खिवैया,
कैसी भी लहरें कैसी भी मुश्किल,
छू भी नहीं सकती उसकी नैया,
जब सांवरा खुद उसको संभाले,
मेरी बगियां के रखवाले,
श्याम खाटू वाले।।
जब सारी दुनिया हो तेरे विपरीत,
आना शरण श्याम की हो समर्पित,
‘राजू’ पे गुज़री है ये हकीकत,
श्याम सहारा कर देगा ‘हर्षित’,
बोल तो दे एक बर बावले,
मेरी बगियां के रखवाले,
श्याम खाटू वाले।।
जिसने तेरे दर पे शीश झुकाया,
उसको तूने अपने गले लगाया,
क्या क्या तूने उसको नहीं दिया है,
जिसने भी दिल से कहा है,
मेरी बगिया के रखवाले,
श्याम खाटू वाले।।
Singer – Rajendra Agarwal Dei