मेरी गौरा जी मैया बनेगी दुल्हनिया,
सजके आएँगे भोले बाबा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा।।
तर्ज – मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया।
सोलह श्रांगार मेरी मैया जी करेगी,
टिका लगेगा और हल्दी लगेगी,
मैया के नाक में झूमेगी नथनिया,
और झूमेंगे भोले बाबा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा।।
घर से चलेगी मैया डोली में बैठेगी,
धरती पे गौरा मैया पाँव ना धरेगी,
पलकों की पाल्की पे मैया को बिठा के,
ले जायेंगे भोले बाबा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा।।
बनके बाराती ब्रम्हा विष्णु नारद आएंगे,
ऐसी जोड़ी पे सब वारी वारी जायेंगे,
मैया के हाथो में मेहंदी रचेगी,
मेहंदी निरखेंगे भोले बाबा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा।।
मेरी गौरा जी मैया बनेगी दुल्हनिया,
सजके आएँगे भोले बाबा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा,
भैरो बाबा बजाएँगे बाजा।।