मेरी जो लाज है,
बाबा तेरे हाथ है,
दुखिया गरीब की,
बाबा फरियाद है,
मेरी जों लाज है,
बाबा तेरे हाथ है।।
आंधी तूफा आए,
नैया हिचकोले खाए,
मैं तेरे भरोसे बैठा,
नैया ना डूब जाए,
अंधियारी रात है,
ना कोई साथ है,
दुखिया गरीब की,
बाबा फरियाद है,
मेरी जों लाज है,
बाबा तेरे हाथ है।।
लाज बचाने वाले,
मैं तेरी शरण में आया,
मैं वापस न जाऊंगा,
दिल में ये सोच के आया,
तू तो दीनानाथ है,
हम तो अनाथ हैं,
दुखिया गरीब की,
बाबा फरियाद है,
मेरी जों लाज है,
बाबा तेरे हाथ है।।
मांगें भिक्षा तुमसे,
मुझे तेरा सहारा दे दे,
‘बनवारी’ टूटी नैया,
इसको भी किनारा दे दे,
यह छोटी सी बात है,
सब तेरे हाथ है,
दुखिया गरीब की,
बाबा फरियाद है,
मेरी जों लाज है,
बाबा तेरे हाथ है।।
मेरी जो लाज है,
बाबा तेरे हाथ है,
दुखिया गरीब की,
बाबा फरियाद है,
मेरी जों लाज है,
बाबा तेरे हाथ है।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
प्रेषक – पण्डित रीता गौतम।
श्री श्याम सखा मण्डल खैर, अलीगढ़।
Mujhe tho bhut Acha laga