थाने निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
अर्जी सुनो मैया विनती सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
विकाजी ने वचन दियो,
माँ गढ़ रे नीव लगाए,
देशनोक में भवन बनायो,
बीकानो नगर बसायो,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
सेखो जी मुल्तान कैद में,
घर बाई रो ब्याव,
बनके कावली उड़ रही अकसा,
पीरा से पहले पहुचायो,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
गंगा सिंह रे रही मदद में,
अँग्रेज़ा रे माय,
अँग्रेज़ा ने दगा कमाया,
सुतोडो शेर जगायो,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
सिह गरज के आयो भूप पर,
हथल रो पीयाय,
गंगा सिंह रो मान बढ़ायो,
सिहनेडे ने चीर भगायो,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
गांव सीयाणो जात ब्राह्मण,
दलूराम जस गाय,
करणी सिंह रो मान राख जो,
देशनोक री माई,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
थानें निमण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
थाने निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो,
अर्जी सुनो मैया विनती सुनो,
थानें निवण करा मैं बारंबार,
मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।।
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा
9024909170
Bhut badiya
कावली की जगह संभली है जी