मेरी कुटिया में ओ मैया,
आ भी जाओ ना,
पल दो पल ही सही,
माँ मेरे संग बिताओ ना,
पल दो पल ही सही,
माँ मेरे संग बिताओ ना,
मेरी कुटिया में ओ मईया,
आ भी जाओ ना।।
तर्ज – तेरी गलियों का हूँ आशिक़।
पलकों की पालकी में हम,
तुम्हे बिठाएंगे,
अश्को के हार से मैया,
तुम्हे सजाएंगे,
आ के घर में मेरी इज्जत,
मेरी बढ़ाओ ना,
मेरी कुटिया में ओ मईया,
आ भी जाओ ना।।
भोग छप्पन नहीं है फिर भी,
है माँ हलवा चना,
भाव से अर्पण भवानी,
जो भी मुझसे बना,
भाव की भूखी हो गर,
रुखा सूखा खाओ ना,
मेरी कुटिया में ओ मईया,
आ भी जाओ ना।।
नसीब मेरे जगेंगे,
माँ तेरे आने से,
सुकून दिल को मिलेगा,
भजन सुनाने से,
दास ‘पंकज’ की है अर्जी,
माँ ठुकराओ ना,
Bhajan Diary,
मेरी कुटिया में ओ मईया,
आ भी जाओ ना।।
मेरी कुटिया में ओ मैया,
आ भी जाओ ना,
पल दो पल ही सही,
माँ मेरे संग बिताओ ना,
पल दो पल ही सही,
माँ मेरे संग बिताओ ना,
मेरी कुटिया में ओ मईया,
आ भी जाओ ना।।
Singer – Juli Singh