मेरी माँ बन गई हो तुम,
जो मेरे राह में छींट दे रौशनी,
वो दिया बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम।।
तर्ज – जो मेरी रूह को।
मैया तेरे बिना स्वर्ग शमशान है,
तू जहाँ पर हो माँ वहां सम्मान है,
जो ममता दे वो करुणामई,
दास्ताँ बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम।।
दे मुझे ज्ञान माँ ध्यान तेरा करूँ,
जिंदगी भर तेरे ही शरण में रहूं,
जो सभी जिव में प्राण दे स्वास दे,
वो हवा बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम।।
जो मेरे राह में छींट दे रौशनी,
वो दिया बन गई हो तुम,
मेरी माँ बन गई हो तुम,
मेरी मां बन गई हो तुम।।
गायक / लेखक – धीरज कान्त जी।