फिलहाल जन्म में मैंने,
इतना कर्म कमाया है,
मेरी माँ ने मुझको,
खाटू का रस्ता दिखाया है।।
चंदन है यहां की माटी,
अमृत है यहां का नीर,
यह दोनों मुझे मिले है,
मेरी बहुत बड़ी तकदीर,
मुख देख मेरे बाबा का,
चंदा भी शरमाया है,
मेरी मां ने मुझको,
खाटू का रस्ता दिखाया है।।
खाटू में मुझको बाबा,
घर जैसा प्यार मिले,
तेरे चरणों की फुलवारी में,
मेरा परिवार खिले,
मुझ जैसे नालायक को,
लायक बनाया है,
मेरी मां ने मुझको,
खाटू का रस्ता दिखाया है।।
जब तक मेरी सांस चलेगी,
करता रहूं गुणगान,
तुमसे ही इज्जत मेरी,
तुमसे मेरी पहचान,
मेरे भजनों का सागर,
तुमसे गहराया है,
मेरी मां ने मुझको,
खाटू का रस्ता दिखाया है।।
फिलहाल जन्म में मैंने,
इतना कर्म कमाया है,
मेरी माँ ने मुझको,
खाटू का रस्ता दिखाया है।।
गायक / प्रेषक – सागर प्रिंस पानीपत।
8950936006