मेरी मैया बड़ी दयालु भक्तो,
आई होकर सिंह पर सवार भक्तो,
वर देंगी दाती पल छीन में,
भर देंगी खुशियां हर दिल में।।
तर्ज – ये देश है वीर जवानों का।
मैया का मंदिर प्यारा है,
सबको लगता जो न्यारा है,
नित शेर पे आती मस्ती में,
बाजे भी बजते बस्ती में।
मेरी मैया बड़ी दयाल भक्तो,
आई होकर सिंह पर सवार भक्तो,
वर देंगी दाती पल छीन में,
भर देंगी खुशियां हर दिल में।।
तेरा चोला रंग रंगीला है,
मुख मंडल खूब सजीला है,
डाली है मुख पर लाली है,
माँ भरती झोलियाँ खाली है।
मेरी मैया बड़ी दयाल भक्तो,
आई होकर सिंह पर सवार भक्तो,
वर देंगी दाती पल छीन में,
भर देंगी खुशियां हर दिल में।।
जा रण में पहुंची माँ काली,
दानव से खाली भई धरती,
संहार किया है दुष्टों का,
उद्धार कीया है भक्तो का।
मेरी मैया बड़ी दयाल भक्तो,
आई होकर सिंह पर सवार भक्तो,
वर देंगी दाती पल छीन में,
भर देंगी खुशियां हर दिल में।।
जो माँ के दर पे जाएगा,
मुँह मांगी मुरादे पाएगा,
झोली भर खुशियां लाएगा,
वो चरणों की राज पाएगा।
मेरी मैया बड़ी दयालु भक्तो,
आई होकर सिंह पर सवार भक्तो,
वर देंगी दाती पल छीन में,
भर देंगी खुशियां हर दिल में।।