मेरी मैया चली,
असुवन धारा बही,
नौ दिन मैया ने,
बेटो की विपदा हरी,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
सारे जगत की है महारानी,
भक्तों की श्रद्धा माता ने जानी,
दिल में है खलबली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
मैया अतिथि बन कर आई,
जगमग दीपक ज्योत जलाई,
सब की बिगड़ी बनी,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
आज विदाई मैया की आई,
भक्तो ने महिमा मैया की गाई,
मन में ज्योत जली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
दास ‘हेमेश’ की विनती सुनलो
सब की अर्जी माँ पूरी करदो,
रेवा के तीर चली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
मेरी मैया चली,
असुवन धारा बही,
नौ दिन मैया ने,
बेटो की विपदा हरी,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही।।
गायक – हेमेश राज।