मेरी मैया में वो जादू है,
इस द्वार पे जो आता है,
वो भक्त माँ अम्बे रानी फिर,
तेरे ही भजन गाता है,
तेरे ही भजन गाता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
तर्ज – तेरे चेहरें में वो जादू है।
तीनो लोको की प्रतिपाली,
मैया जग बगिया की माली,
झोली भरती सबकी खाली,
सवाली बनके जो द्वार पे आए,
करती हर इक्छा माँ पूरी,
भक्तो से ना रखती माँ दुरी,
मिले जो मैया की मंजूरी,
भिखारी पल में सिंहासन पाए,
मैया की एक नजर से ही,
जीवन ये संवर जाता है,
जीवन ये संवर जाता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
मैया चमत्कार दिखलाए,
उसका पार ना कोई पाए,
कटरा भक्त वही जा पाए,
जिसको मैया खुद ही बुलाए,
ऊँचे पर्वत है दरबार,
चलता चल ना हिम्मत हार,
मन से मैया को पुकार,
तेरी नैया पार लगाए,
पर्वत पे मैया तेरा डेरा सही,
तेरे भक्तो को ये भाता है,
तेरे भक्तो को ये भाता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
निर्धन के भंडारे भरती,
बे औलादो को खुश करती,
भक्तो की हर विपदा हरती,
माँ को भक्त है सबसे प्यारे,
निर्बल को बलवान बनाए,
कोढ़ी की काया चमकाए,
इसके दर पे गूंगा गाए,
अम्बे रानी के खेल है न्यारे,
उनको माँ गले लगाए जिन्हे,
संसार ये ठुकराता है,
संसार ये ठुकराता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
माँ का ये दरबार निराला,
ना कोई कुण्डी ना कोई ताला,
द्वारे शेर खड़ा मतवाला,
महावीर करे अगवानी,
झंडा लहर लहर लहराए,
भक्त जन घंटे शंख बजाए,
सारी दुनिया के मन भाए,
मेरी माँ की ज्योत नूरानी,
मेरी महामाई के आगे,
सारा जग झोली फैलता है,
सारा जग झोली फैलता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
पग पग पर होता जगराता,
कोई नाचता कोई गाता,
कहते जब जय वैष्णो माता,
मन में ज्योत जले ये हमेशा,
तेरे द्वार पे मैया आते,
राजा रंक कतार लगाते,
सदियों से है शीश झुकाते,
तुझको ब्रम्हा विष्णु महेशा,
भक्तो ममता का सागर इक,
वो वैष्णो देवी माता है,
वो वैष्णो देवी माता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।
मेरी मैया में वो जादू है,
इस द्वार पे जो आता है,
वो भक्त माँ अम्बे रानी फिर,
तेरे ही भजन गाता है,
तेरे ही भजन गाता है,
मेरी मैया में वो जादू है।।