मेरी ज़िंदगी में क्या था,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
तर्ज – मुझे इश्क़ है तुझी से
मेरी ज़िंदगी थी खाली,
जैसे सीप खाली होती,
मेरी बढ़ गयी है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मेरी कुछ नही थी कीमत,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
दर दर भटक रहा था,
आपने गले लगाया,
मुझे मिल गया ठिकाना,
तेरी शरण जो आया,
मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
मुझे दर ना तेरा मिलता,
किसके मैं गीत गाता,
जीवन था व्यर्थ मेरा,
ऐसे ही बीत जाता,
ना ये सुर ना ये गला था,
तेरी कृपा से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
मेरी ज़िंदगी में क्या था,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।