मेरीया गल्ला च तेरा,
जिक्र जरूर हो,
तेरी मेरी प्रीत,
इस जग में मशहूर हो,
बाबोसा का जुबा से,
जिक्र जरूर हो,
तेरी मेरी प्रीत,
इस जग में मशहूर हो,
रहे तेरी भक्ति में होके मगन,
गाते रहे हरपल तेरे ही भजन,
जन्म जन्म तेरा साथ रहे,
मेरी आँखों से न कभी,
तू दूर हो,
मेरी या गल्ला च तेरा।।
तर्ज – मेरी या गल्ला च तेरा जिक्र।
मुखड़े पे तवाड़े देखो,
बरसे नूर है,
सारी दुनिया में मेरा,
बाबोसा मशहूर है,
छाया तेरी भक्ति का,
ऐसा शुरूर है,
रह नही सकते अब,
तुमसे हम दूर है,
तेरे नाम पे लिखी ये जिंदगी,
जब तक सांसे करे तेरी बंदगी,
मेरी या गल्ला च तेरा।।
दर्शन नु तेरे,
तरसे ये अंखियाँ,
चैन आवे न जो,
देखूं न तेरी सुरतियाँ,
करदो बाबोसा,
मुझपे मेंहरबानियाँ,
तू ही जिन्दगी मेरी,
तू ही दिलजाणीया,
‘दिलबर’ भक्तो की,
यही आरजू,
रूठे चाहे जग बाबोसा,
रूठे न तू,
मेरी या गल्ला च तेरा।।
नाम तेरे बाबोसा,
ये मेरी जिन्दगी,
मरते दम तक,
करूँ में तेरी बंदगी,
मंजू बाईसा का,
बस एक अरमान,
घर घर तेरी मूरत,
तुझसे ही शान,
उम्र कटे तेरे चरणों में,
साढ़े दिल विच ये तमन्ना है,
मेरी या गल्ला च तेरा।।
मेरीया गल्ला च तेरा,
जिक्र जरूर हो,
तेरी मेरी प्रीत,
इस जग में मशहूर हो,
बाबोसा का जुबा से,
जिक्र जरूर हो,
तेरी मेरी प्रीत,
इस जग में मशहूर हो,
रहे तेरी भक्ति में होके मगन,
गाते रहे हरपल तेरे ही भजन,
जन्म जन्म तेरा साथ रहे,
मेरी आँखों से न कभी,
तू दूर हो,
मेरी या गल्ला च तेरा।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365