म्हाने बहलाओ ना,
श्याम बाता में,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
हारे का साथी हैं बाबा,
भक्तो का हितकारी,
मनमोहन हैं खाटू वाला,
निले की असवारी,
म्हारे मोरछडी फेरो,
माथा में,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
सौप दियो हैं बाबा,
यो म्हारो परिवार,
रक्षा करनी थारे हाथ मे,
राखो सार सम्भाल,
म्हारो परिवार हैं,
थारे हाथा मे,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
दुनिया की सब मोजे छुटे,
खाटू कभी ना छुटे,
श्याम शरण मे आके तेरे,
दर की मस्ती लुटे,
म्हाने राह दिखाद्यो,
खाटू आबा ने,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
मैं बालक हू थारो बाबा,
मने गले लगाल्यो,
मैं निर्धन तु सेठ सांवरा,
नई्या पार लगाद्यो,
थे तो तरसावो ना,
‘श्याम पारीक’ ने,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
म्हाने बहलाओ ना,
श्याम बाता में,
थारी याद सतावे,
आधी राता में।।
गायक / लेखन – नवरत्न पारीक।
सुजानगढ़। 9887140192