म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
जन्म जन्म शु प्यासा मारा,
नेण उडीक के थाने,
निसदिन सिवरु मां जगदंबा,
दरस दिखाओ म्हाने,
भक्तों की रखवाली मैया,
भक्ता ने तो पार लगा,
दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
इण कलयुग में मां जगदंबा,
एक आसरो थारो,
दुख हरनी नवदुर्गा अंबा,
कष्ट हरि जो मारो,
मन में फिर विश्वास तिहारो,
अंबा थारे द्वार खड़ा,
दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
मोटे थारो नाम भवानी,
तू मोटी महारानी,
ब्रह्मा विष्णु देव मनावे,
पूजे दुनिया सारी,
तुम मोटी दातार भवानी,
अन धन का भंडार भरा,
दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
महिषासुर में मारण वाली,
दुर्गा ने जग ध्यावे,
मां अंबा रा दर्शन करने,
मन छाया पड़ पावे,
दीन दुखी रा कष्ट मिटाओ,
हाथ जोड़ अरदास करा,
दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
महिमा तो दुर्गा री कोई,
दास अशोक सुनावे,
बेड़ा पार करिजो अम्बा,
हाथ जोड़ समझावे,
हाथ धरो मस्तक पर मैया,
अंबा में अरदास करा,
दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा,
आद भवानी मां जगदंबा,
सिंह सवारी बेगी आ,
म्हाने दुर्गा रूप दिखा मारी मां।।
गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
भजन प्रेषक – तूफान पदमपुरा,
(कुचामन सिटी) 7742649071
https://youtu.be/_J6NduTHjjE