म्हाने खाटू में बुलाले,
बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
कई दिना से मन में लागि,
जावा खाटू धाम,
एक एक दिन गिनगिन काटा,
कईया दिखे श्याम,
म्हाने बेगो सो बुलाले,
बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को,
म्हाणे खाटू में,
बुलाले बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
फागण मास रंगीलो प्यारो,
भगता के मन भावे,
खाटू के मेले के माहि,
नाच कूदता आवे,
म्हाने हिवड़े सु लागा ले,
बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को,
म्हाणे खाटू में,
बुलाले बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
श्याम धणी सु आस घणी यो,
भगता रो प्रतिपाल,
मेहर करो सेवक के ऊपर,
दर्शन द्यो हर साल,
म्हाने चरणा से लिपटा ले,
बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को,
म्हाणे खाटू में,
बुलाले बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
आलूसिंह पर किरपा थारी,
रोज करे सिणगार,
केसर तिलक लगावे थारे,
अंतर की भरमार,
देवे चोखा चोखा,
सबने वरदान,
की आयो मेलों,
फागण को,
म्हाणे खाटू में,
बुलाले बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
म्हाने खाटू में बुलाले,
बाबा श्याम,
की आयो मेलों,
फागण को।।
स्वर – संजू शर्मा जी।