जद भी पड़ी कोई दरकार,
लीले चढ़ आयो सरकार,
झूठी दुनिया सारी स्वार्थ की सहेली छे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे।।
कामना से म्हारी पिछाणे सांवरो,
बिन मांग्या ही सो क्यों दे जावे सांवरो,
प्रेमियों के दिल की से जाणे सांवरो,
महारे श्याम राज में,
महारे श्याम राज में,
प्रेम की पदवी पहली छे,
म्हाने राखे म्हारों श्याम हथेली पे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे।।
मिली विरासत म्हाने,
बाबा के नाम की,
टाबर ने सुनावा लोरी भी श्याम की,
पिड़िया दर पिड़िया जपेगी श्याम ही,
म्हारे खानदान की,
म्हारे खानदान की,
नीव सांवरियो मेलि छे,
म्हाने राखे म्हारों श्याम हथेली पे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे।।
दुनिया की या माया म्हारे क्या काम की,
पूर्वज जोड़ गया है म्हारे पूंजी श्याम की,
ज़िंदगी बितावा मजे में शान की,
खाटू नगरी ‘गोलू’,
खाटू नगरी ‘गोलू’,
बाबुल की हवेली छे,
म्हाने राखे म्हारों श्याम हथेली पे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे।।
जद भी पड़ी कोई दरकार,
लीले चढ़ आयो सरकार,
झूठी दुनिया सारी स्वार्थ की सहेली छे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे,
म्हाने राखे म्हारो श्याम हथेली पे।।
स्वर – विवेक शर्मा।