म्हाने थारो भरोसो मावड़ी,
श्री शीतला माता रे,
है म्हाने थारो भरोसो,
शीतला माता रे,
म्हारी शीतला माता रे,
है मने थारो भरोसो।।
गर्दब की असवारी माता,
थाने लागे प्यारी रे,
हाथा माही झाड़ू सोहे,
सोणा लागो रे,
है मने थारो भरोसो।।
छाछ राबड़ी मोठ बाजरी,
थारे भोग लगवा रे,
बासिड़ा में भोग लगवा,
ठंडी रोटी रे,
है मने थारो भरोसो।।
होली बीती सातम आवे,
बासीडो मनावा रे,
पेड़ी माथे पानी डाला,
धोक लगावा रे,
है मने थारो भरोसो।।
माताजी री कृपा सु तो,
दुख सारा कट जावे रे,
मन की ईच्छा पूरी करदयो,
झोली भरदयो रे,
है मने थारो भरोसो।।
सुख देणो दुःख मेटनो तो,
मईया थारो नाम है,
दुखड़ा दूर भगादयो मईया,
आस लगावा रे,
है मने थारो भरोसो।।
मनमोहन सोनी मईया,
थाने सिस नवावे रे,
रतनगढ़ रो दास गोपालो,
भजन सुनावे रे,
है मने थारो भरोसो।।
म्हाने थारो भरोसो मावड़ी,
श्री शीतला माता रे,
है म्हाने थारो भरोसो,
शीतला माता रे,
म्हारी शीतला माता रे,
है मने थारो भरोसो।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।
9982095028