म्हारा बाबा हनुमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
बाजरे की रोटी दीजो,
ऊपर लुन्यो घी,
ओढवाने गुदड़ दीजो,
घणो पड़ेलो शीत,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
रहवाने तो हेली दीजो,
रखवाली ने ठाकर,
मांगतोड़ा ने मौत दीजो,
सेवा करने चाकर,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
आठुनौ तो खेत दीजो,
माहि दीजो नारी,
घरवाली ने तो छोरो दीजो,
भैस लावे पाड़ी,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
पूत तो सपूत दीजो,
खनखन करता आवे,
गादी ऊपर बेठियो रहू,
हुको भरभर पियावे,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
भाव दीजो भक्ति दीजो,
और थारी चरनारी प्रीत,
राजस्थान रा टाबर,
गावे थारा गीत,
म्हारा बाबा हनूमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
म्हारा बाबा हनुमान,
म्हारा दाता हनुमान,
ऐसो वर तो म्हाने दीजो,
धरूँ तुम्हारो ध्यान।।
स्वर – लखबीर सिंह लख्खा।