म्हारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
अरे बारह फाटक सवाई री खोली,
नदीयाँ चाले भारी,
अरे बारह फाटक सवाई री खोली,
नदीयाँ चाले भारी,
अरे सुकडी जालौर मे,
जालौर पुल उडाई,
मारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
गाँव ढोला मायने पानी भरोनो,
दुनिया होवे दुखी,
अरे गाँव ढोला मायने पानी भरोनो,
दुनिया होवे दुखी,
अरे लोगो रे घर रे मायने,
गेहूं री बोरी भीगी,
मारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
अरे ढोला रो पानी छूटो,
बडगावडा भराई,
अरे ढोला रो पानी छूटो,
बडगावडा भराई,
अरे अंगुठी रे भेलो पल,
कवलो री रेल भराई,
मारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
अरे चोटी काटवा री अफवाह,
लुगाया दुखी होवे,
अरे चोटी काटवा री अफवाह,
लुगाया दुखी होवे,
अरे आ समझदार दुनिया,
अंधविश्वास मे डोले,
मारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
अरे गाँव साण्डेरव चौक में,
इन्द्र री महिमा गावा,
अरे गाँव साण्डेरव चौक में,
इन्द्र री महिमा गावा,
अरे पने टाबरा री बोल होवे,
सब री माफी चावा,
मारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
म्हारा चौहत्तरवा साल रे,
अरे कर दिया बेहाल रे,
अरे अजब आयो भोली मारवाड़ में।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818