म्हारा देवधणी थे तो,
सवाई भोज बिराज्या जी।
दोहा – साडु माता गुजरी,
तपस्या किदी भारी,
मालासेरी डुंगरी,
वाने आय मिल्या गिरधारी।
म्हारा देव धणी,
म्हारा देव धणी थे तो,
सवाई भोज बिराज्या जी,
थे देवमाली बिराज्या जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
म्हारा देव धणी,
म्हारा देव धणी,
थे तो सवाई भोज बिराज्या जी,
थे खेमाणा बिराज्या जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
साडु मां के,
साडु मां के सपना माई आया जी,
थे सपना माई आया जी,
कमला में आप पधारिया जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
घोड़ा की,
घोड़ा कि सवारी आप ने सोवे जी,
म्हारा देव धणी बिराज्या जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
दुःखीयारा,
दुःखीयारा भक्ता री पेलु आवे जी,
देव जी मन कि आशा पुरावे जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
भगवत शरणे,
भगवत शरणे भजन थाके गावे जी,
देव थाकी महिमा गावे जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
म्हारा देव धणी,
म्हारा देवधणी थे तो,
सवाई भोज बिराज्या जी,
थे देवमाली बिराज्या जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
म्हारा देव धणी,
म्हारा देव धणी,
थे तो सवाई भोज बिराज्या जी,
थे खेमाणा बिराज्या जी,
हां देव जी अरजी थे सुणज्यो,
नारायण अरजी थे सुणज्यो।।
गायक – भगवत सुथार।
प्रेषक – लोकेश गाडरी, खेमाणा।