म्हारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम,
बोलो राम राम थे,
बोलो राम राम।।
सतगुरू ज्ञान सुणायो,
ओ भरम अज्ञान मिटायो,
ओ सब घट एक समायो सा,
बोलो राम राम,
मारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम।।
रूप रेख नहीं रँगा,
ज्यारे हाड़ माँस नहीं अंगा,
बे अविगत आप अपन्गा सा,
बोलो राम राम,
मारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम।।
बिना नेणों से निरख्या,
बे बायर भीतर सिरख्या,
बे नारी नहीं कोई पुरुषा सा,
बोलो राम राम,
मारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम।।
सात दीप नव खण्डा,
वे चवदे लोक ब्रह्मंडा,
बारें अधर फ़रखे झण्डा सा,
बोलो राम राम,
मारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम।।
ओ गुण गावे नित दानों,
थे शब्द सही कर मानो,
अरे गुरोसा ने ईश्वर मानो सा,
बोलो राम राम,
मारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम।।
म्हारा सतगुरु सा फरमायो सा,
बोलो राम राम,
बोलो राम राम थे,
बोलो राम राम।।
स्वर – संत चंद्राराम जी महाराज।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर। 9785126052