म्हारा श्याम सुन्दर की जुमरीया,
पाड़ोसन ले गई रे।।
भुल्यो कठे समालु कठे,
मैं ढुढंण जाऊ कठे,
जुमरीया ने ढुढंण जाऊ कठे,
जुमरिया के कारणे यो,
पड़ीयो धुल मे लोटे,
श्याम मारो पड़ीयो धुलमे लोटे,
सोकड़ कुण ले गई रे,
श्याम सोकड़ खुण ले गई रे।।
ओराकोरा हीरा जड़िया,
बीच सोने का धागा,
जुमरीया के बीच सोने का धागा,
ऐ जुमरीया कम नहीं है,
यामे लाख रूपया लागा,
जुमरीया का लाख रुपैया लागा,
छाने से ले गई रे,
श्याम चोरी से ले गई रे।।
खारा संमन्द से मोती मगास्यु,
सोना का तारा मे पुवास्यु,
जुमरीया ने,
सोना का तारा मे पुवास्यु,
श्याम सुन्दर के ख़ातिर जुमरीया,
तड़के ओर गड़ास्यु,
जुमरीया तड़के ओर गड़ास्यु,
सोनीजी के जास्यु रे,
श्याम सोनी जी के जास्यु रे।।
जुनागड मे नरसी मेहता,
जुमरीया यश गावे,
श्याम मारा जुमरीया यश गावे,
मगनीराम धनघर की अर्जी,
चरणा मे शीश नवावे,
श्याम चरणा मे शीश नवावे,
चरणा मे लागी रे,
सूरत भजना मे लागी रे।।
म्हारा श्याम सुन्दर की जुमरीया,
पाड़ोसन ले गई रे।।
लेखक / गायक – मगनीराम गाडरी।
महुआ खुर्द भीलवाड़ा राजस्थान।
मो. 9680818193