म्हारा सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
थोरे मुख पर तेज़ बिराजे,
नवनाथों री गादी साजै,
थोरो हाथ धणी सिर माथे,
म्हारा पीरजी,
म्हारां सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
थोने भगवो अंग सुहावे,
थोरे हाथ कमंडल साजे,
थोरे नाम रो डंकों वाजे,
म्हारा पीरजी,
म्हारां सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
थोरे श्रावण मेलो लागे,
जातरू दूर दूर सु आवे,
थोरी जय जयकार लगावे,
म्हारा पीरजी,
म्हारां सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
थे हो भगता रा हितकारी,
थोरी महिमा जग में भारी,
थोंपे जावा में बलिहारी,
म्हारा पीरजी,
म्हारां सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
थोरो विमल भजन बनावे,
थोने नित नित शीश झुकावे,
थोरे चरणों मे सुख पावे,
म्हारा पीरजी,
म्हारां सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
म्हारा सिरे मंदिर रा नाथ,
थोरी महिमा अपरम्पार,
थाने पूजे नर और नार,
म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।।
गायक – विमल खत्री।