म्हारे घर आया संत मेहमान,
म्हारे घर आया संत मिजमान,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
अण तेड़ीया मारे घर आया,
मन पायो विश्राम,
ऐ ऊण रे संतो रा दर्शण करीया,
हो गया गंगा स्नान,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
भाग हमारा जागा सजनी,
सतगरू भेटीया श्याम,
तन मन धन अर्पण कर दीना,
काया तो कर दीनी कुरबान,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
सतगरू सामर्थ वे कहीजे,
ऊणे लखायो ज्ञान,
भर्म अंधेरो भागीयो म्हारे,
प्रगट ऊगा भाण,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
भाण साहब पर कृपा करजो,
सतगरू मोतीराम,
रज ऐक शरणो री मागुं,
और न चाहीऐ म्हारे दाम,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
म्हारे घर आया संत मेहमान,
म्हारे घर आया संत मिजमान,
आत्मा तो बहुत ठरी,
म्हारे घर आया संत भगवान,
आत्मा तो बहुत ठरी।।
सतगरू देव की जय हो,
गायक – हनुमान प्रजापत।
प्रेषक – देव पुरोहित नाथोणी जेरण
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