पिछम धरा माय,
धोली धजा फरूखावे,
सदा फरूखावे,
म्हारे रामा कंवर रो घोड़लो,
घुमतो आवे।।
पुरी द्वारका नाथ रूणीचे आवे,
रूणीचे आवे,
तंवर वंश तपधारी पीर कहावे,
लीलो घोङो टप टप कोङ बजावे,
म्हारे रामा कंवर रो घुड़लो,
घुमतो आवे।।
आप धणी असवार,
पोखरण गढ आवे,
पोखरण गढ आवे,
गढ पोखरण मे भैरव ने मार हटावे,
ओ घुङलो गुरूजी रे मन भावे,
सदा मन भावे म्हारे,
म्हारे रामा कंवर रो घुड़लो,
घुमतो आवे।।
आप धणी असवार पुगलगढ आवे,
पुगलगढ आवे,
पुगलगढ मे हरिया बाग बन जावे,
रतनो रायको बाई शुगना ने लावे,
शुगना ने लावे,
म्हारे रामा कंवर रो घुड़लो,
घुमतो आवे।।
बीज चानणी मेलो जोर भरावे,
जोर भरावे,
कोई नर नारी दर्शन ने रूणीचे आवे,
रामदेवजी सब रा कष्ट मिटावे,
कष्ट मिटावे,
म्हारे रामा कंवर रो घुड़लो,
घुमतो आवे।।
मारवाङ गुजरात मालवो ध्यावे,
मालवो ध्यावे,
कोई कर जोङ हनुमानसिह गुण गावे,
श्याम पालीवाल चरणो मे,
शीश निवावे,
शीश निवावे,
म्हारे रामा कंवर रो घुड़लो,
घुमतो आवे।।
पिछम धरा माय,
धोली धजा फरूखावे,
सदा फरूखावे,
म्हारे रामा कंवर रो घोड़लो,
घुमतो आवे।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – महेंद्र पंवार नारनाङी।
9001717456