म्हारी साँवरिये से आज,
लड़ाई होगी,
म्हारी भोत पुरानी प्रीत,
पराई होगी।।
नरसी बुलायो जद,
दौड्यो दौड्यो आयो,
खुद नानी ने चीर उढ़ायो,
म्हे तो विनती कर कर हारा,
क्यों मनाई होगी,
म्हारी भोत पुरानी प्रीत,
पराई होगी।।
करमा बुलाई तू तो,
दौड्यो दौड्यो आयो,
आकर गट गट,
खीचड़ो खायो,
म्हारी भाव की मिठाई में,
खटाई होगी,
म्हारी भोत पुरानी प्रीत,
पराई होगी।।
नींद में है या,
बहरो होग्यो,
या दरबार में,
पहरों होग्यो,
अइया कैया बाबा भगता से,
खिंजाई होगी,
म्हारी भोत पुरानी प्रीत,
पराई होगी।।
सुण सारी बात,
साँवरियो आयो,
सब भगता ने,
कंठ लगायो,
म्हारी साँवरिये से,
फेर मिलाई होगी,
बंधगी ऐसी पक्की डोर,
ना जुदाई होगी।।
म्हारी साँवरिये से आज,
लड़ाई होगी,
म्हारी भोत पुरानी प्रीत,
पराई होगी।।
Singer – Shubham Rupam