म्हे तो चाल्या म्हारे गाँव,
बाबा थाने राम राम,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
फागण का मिल्योड़ा ओजु,
फागण में मिलांगा,
थारी प्रीत या घणी,
सतावेगी भक्तां ने,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
खाटू से म्हे चाला जद,
आंसुड़ा ढल आवे है,
कईया दिलड़े ने,
बहलावा रे फागण में,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
यादड़ली तो बाबा थारी,
बहुत ही सतावेगी,
म्हने हिचक्या पे,
हिचक्या आवेली बहुता ने,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
मनड़े रा तार बाबा,
थारे स्यु जुड़्योड़ा,
थे डोर खिंच कर,
राखो जी भक्ता की,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
‘कपिल’ और ‘हजारी’ थासु,
अरज लगावे,
आगले फागण की थाने,
याद दिलावे,
थे याद राखियो फागण में,
भक्ता ने,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
म्हे तो चाल्या म्हारे गाँव,
बाबा थाने राम राम,
थे भूल बिसर मत,
जाज्यो जी भक्तां ने।।
Singer – Kapil Indoria