ये दुनिया अनोखी है,
मुखड़ा पहने चेहरा,
मिली बड़े नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
जग में जहां देखा,
मेने ठोकर ही खाई,
अंधा था बाबा मैं,
लठिया ना मैने पाई,
अंधे की लाठी बन,
बाबा मेरे संग बैठा,
मिली बडे नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
पागल था मैं तो रे,
इस जूठी दुनिया में,
खो गया था मैं तो रे,
इस भुलभुलैया में,
संभाल लेगी मुझको,
तेरे नाम की नैया,
मिली बडे नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
ये श्याम नाम का गुण,
मीरा ने भी गाया,
मिल गई उसे प्यारे,
तेरे नाम की छाया,
इस ‘पंकज’ को मेरे श्याम,
दे चरणों में डेरा,
मिली बडे नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
अब समझ गया पंकज,
ये दुनिया छलावा है,
यहां कुछ नही मेरा,
सब झूठा दिखावा है,
मुंह गाए अब बाबा,
तेरे नाम का टेरा,
मिली बडे नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
ये दुनिया अनोखी है,
मुखड़ा पहने चेहरा,
मिली बड़े नसीबो से,
मेरे बाबा की सेवा।।
गायक / लेखक – पंकज शर्मा।
9079387734