मिलता नसीबो से,
दर ये तुम्हारा है,
मिलती है हर खुशियां,
जिसे तेरा सहारा है।।
तर्ज – तेरे जैसा यार कहाँ।
सूनी सी ज़िन्दगी में,
आया बहार बनके,
रोया कहीं सुदामा,
आया तू यार बनके,
जिसपे तेरी रेहमत,
उसका जग सारा है,
मिलता नसीबों से,
दर ये तुम्हारा है,
मिलती है हर खुशियां,
जिसे तेरा सहारा है।।
दुनिया से हार करके,
आया तेरी शरण में,
जैसा भी हूँ मैं बाबा,
रख ले तेरी शरण में,
श्याम तेरी चौखट,
घर ये हमारा है,
मिलता नसीबों से,
दर ये तुम्हारा है,
मिलती है हर खुशियां,
जिसे तेरा सहारा है।।
समझा जिसे भी अपना,
उसने ही छल किया है,
बदहाल बेबसी में,
तूने ही बल दिया है,
‘राजू’ कहे बाबा,
तू सबसे ही न्यारा है,
मिलता नसीबों से,
दर ये तुम्हारा है,
मिलती है हर खुशियां,
जिसे तेरा सहारा है।।
मिलता नसीबो से,
दर ये तुम्हारा है,
मिलती है हर खुशियां,
जिसे तेरा सहारा है।।
Singer & Writer – Rajendra Agrawal Dei