मिलती है प्रेमियों की,
संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की,
रंगत कभी कभी,
मिलती हैं प्रेमियो की,
संगत कभी कभी।।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
दौलत के पीछे भागना,
इतना उचित नही,
दौलत के पीछे भागना,
इतना उचित नही,
लेती है जान इन्सान की,
ये दौलत कभी कभी,
मिलती हैं प्रेमियो की,
संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की,
रंगत कभी कभी।।
शोहरत को पा के भूलों ना,
भगवान को कभी,
शोहरत को पा के भूलों ना,
भगवान को कभी,
लेता है छीन देकर ये,
इज्जत कभी कभी,
मिलती हैं प्रेमियो की,
संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की,
रंगत कभी कभी।।
हसने से पहले दूजे पर,
खुद को निहारिये,
हसने से पहले दूजे पर,
खुद को निहारिये,
दिखलाती है बुरे दिन,
ये आदत कभी कभी,
मिलती हैं प्रेमियो की,
संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की,
रंगत कभी कभी।।
मिलती है प्रेमियों की,
संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की,
रंगत कभी कभी,
मिलती हैं प्रेमियो की,
संगत कभी कभी।।
स्वर – रोमी जी।