मिनख जमारो भाया होरो नहीं है,
दोहा – मिनख जगत में मौकला,
और मीनखा तना हागाल,
जिन मिनखा में मनखपनों,
भाई उन मीनखा रो काल।
मिनख जमारो भाया होरो नहीं है,
कोई होरा ने कोई दौरा,
मीनखा रो रंग भाया एक नहीं है,
कोई काला ने कोई गोरा,
संतो करो भजन वियो होरा,
भजन बिन चौरासी नी छूटे,
देखोला गना फोडा,
संतो करो भजन वियोला होरा।।
कोई हाले हस्ती घोड़ा,
कोई गाले गले में डोरा,
कोई राजा राज करन्ता,
कोई उपाडे बोरा,
संतो करो भजन वियो होरा,
भजन बिन चौरासी नी छूटे,
देखोला गना फोडा,
संतो करो भजन वियोला होरा।।
कोई तो जिमे लाडू पेड़ा,
कोइ तो टकड़ा कोरा,
कोई तो मगता घर घर मांगें,
लिओ हाथ में कटोरा,
संतो करो भजन वियो होरा,
भजन बिन चौरासी नी छूटे,
देखोला गना फोडा,
संतो करो भजन वियोला होरा।।
कोई तो पहरे सोनो रूपों,
कोई तो कड़ा लोहा रा,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
भजन बीना जीव दोरा,
संतो करो भजन वियो होरा,
भजन बिन चौरासी नी छूटे,
देखोला गना फोडा,
संतो करो भजन वियोला होरा।।
मनख जमारो भाया होरो नही है,
कोई होरा ने कोई दौरा,
मीनखा रो रंग भाया एक नहीं है,
कोई काला ने कोई गोरा,
संतो करो भजन वियो होरा,
भजन बिन चौरासी नी छूटे,
देखोला गना फोडा,
संतो करो भजन वियोला होरा।।
गायक – दुदाराम जी देवासी।
प्रेषक – देवेंद्र राव।
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