मोहन बन गये नर से नार,
छमाछम नाचे कृष्ण मुरार,
देखो कैसे सजे है,
ये नंद के दुलार,
मोहन बन गये नर से नार।।
तर्ज – लेके पहला पहला प्यार।
ढीला ढीला घागरा है,
रंगीली चुनरी,
पाँव में पैंजनिया,
सूरत है भोली,
छायो रूप है अपार,
चले दिल पे कटार,
देखो कैसे सजे है,
ये नंद के दुलार,
मोहन बन गये नर से नार।।
अखियों में कजरा,
होंठो पे लाली,
नाक में नथनिया,
कानो में बाली,
याके नज़र लीजो तार,
लेउँ बलैया हज़ार,
देखो कैसे सजे है,
ये नंद के दुलार,
मोहन बन गये नर से नार।।
हे नाथ तेरी निराली है दुनिया,
जग को नचाने वाला,
बना है नचनिया,
अदभुद कियो है श्रृंगार,
देव करे जय जयकार,
देखो कैसे सजे है,
ये नंद के दुलार,
मोहन बन गये नर से नार।।
मोहन बन गये नर से नार,
छमाछम नाचे कृष्ण मुरार,
देखो कैसे सजे है,
ये नंद के दुलार,
मोहन बन गये नर से नार।।
Singer – Lata Pardesi, Vipin Sachdeva
https://youtu.be/iUoHCVywtmU