कान्हा तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है,
हमको तुम्हारे प्यार ने,
इन्सां बना दिया है।।
रहते है जलवे आपके,
नज़रों में हर घडी,
मस्ती का जाम आपने,
ऐसा पिला दिया,
मोहन तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है।।
भुला हुआ था रास्ता,
भटका हुआ था मैं,
किस्मत ने मुझको आपके,
काबिल बना दिया,
मोहन तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है।।
जिस दिन से मुझको आपने,
अपना बना लिया,
दोनों जहां को दास ने,
तबसे भुला दिया,
मोहन तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है।।
जिसने किसी को आज तक,
सजदा नहीं किया,
वो सर भी मैंने आपके,
दर पे झुका दिया,
मोहन तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है।।
कान्हा तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है,
हमको तुम्हारे प्यार ने,
इन्सां बना दिया है।।