मोहे अपने रंग में रंग डाला,
दोहा – नैनन बाण चलाए मोपे,
वो रसिया मुरली वाला,
और ऐसो रँगायो प्रीत में मोहे,
वो काली कमलिया वाला।
रंग डाला रंग डाला रंग डाला,
रंग डाला रंग डाला रंग डाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग में रंग डाला,
वो श्याम सुंदर मतवाला,
ब्रजधाम का रहने वाला,
गोकुल के नंद का लाला,
वो गौए चराने वाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला।।
मटकी फोड़े माखन खाए,
सारे ब्रज में धूम मचाए,
मोर मुकुट माथे पे लगाए,
अधरो पर मुस्कान सजाए,
वो नटखट बंसी वाला,
मनमोहन मुरली वाला,
हर मन को मोहने वाला,
हर दिल में बसने वाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला।।
बंसी इतनी मधुर बजाए,
मुरली सुन राधा चली आए,
गोपियो संग रास रचाए,
सारा जग मोहित हो जाए,
माँ यशोमति का लाला,
गिरधर नागर गोपाला,
वो चक्र सुदर्शन वाला,
तीनो लोको का उजाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला।।
किशन कन्हैया कृष्ण मुरारी,
रास रचैया रास बिहारी
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
मदन गोपाला मदन मुरारी,
वो श्यामल मुखड़े वाला,
वो कानन कुंडल वाला,
वो घूंघर बालो वाला,
गोवर्धन का रखवाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला।।
रंग डाला रंग डाला रंग डाला,
रंग डाला रंग डाला रंग डाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला,
वो श्याम सुंदर मतवाला,
ब्रजधाम का रहने वाला,
गोकुल के नंद का लाला,
वो गौए चराने वाला,
नैनो से पीला कर प्याला,
मोहे अपने रंग मे रंग डाला।।
Singer – Shahnaz Akhtar