मोहे भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
बांकी सुंदर मूरत भावे,
चितवन चित में जाए समावे,
मैं तो जाके पड़ूँगी वाके पाँव,
चलो री सखी दर्शन को,
मोहें भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
फूलो की माला पहनाऊं,
ठाकुर जी को भोग लगाऊ,
मेरे बन जाए बिगड़े काम,
चलो री सखी दर्शन को,
मोहें भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
यमुना बह रही तारण तरणी,
पावन परम सुमंगल करणी,
जाकी पूजा से होवे पूरण काम,
चलो री सखी दर्शन को,
मोहें भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
घर घर मंदिर है वृंदावन,
दर्शन करेंगे नंगे पाँवन,
मंदिर में मिलेगे श्यामा श्याम,
चलो री सखी दर्शन को,
मोहें भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
मोहे भावे बिहारी जी को नाम,
चलो री सखी दर्शन को।।
गायक – श्री मृदुल कृष्णा गोस्वामी जी।