मोल तोल नहीं है भजना में,
भक्ति करें भगवान की,
शब्दा को ये अर्थ नहीं जाणे,
असी भक्ति कई काम की।।
कंठी माला तिलक लगा ले,
बिन गुरु चोटी काइ काम की,
रचको खाजा दुद ने देवे,
वा जोटी काइ काम की।।
माता पिता की सेवा करे नई,
वा संतान काई काम की,
अरे मरिया पसे लाडू गुड़कावे,
असी सान काई काम की।।
सोना की बाली कान काटले,
वा बाली काई काम की,
अरे मीरा पेरया तुलसी गेणा,
माला फेरी श्याम की।।
मुंडे मिटो पेट में गाँटा,
वा यारी काई काम की,
अरे बार बार पंचर वेजावे,
वा गाड़ी काई काम की।।
चिकसी वाला जागण राके,
माताजी के नाम की,
अरे बड़ा बड़ा कई सिंगर आवे,
पेहचान जाके नाम की।।
गुरु देव फरमावे वेजा,
राक काया चाम की,
अरे भोलो बण नही रहना राणा,
माया नही कई काम की।।
मोल तोल नहीं है भजना में,
भक्ति करें भगवान की,
शब्दा को ये अर्थ नहीं जाणे,
असी भक्ति कई काम की।।
गायक – जगदीश जी वैष्णव।
प्रेषक – शंभू कुमावत् दौलतपुरा।
9981101560