मोरे श्यामल वरन के राम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
मस्तक मुकुट और तिलक विराजे,
कानन कुंडल प्रभु को साजे,
लये हाथ धनुष और बान,
राम मोहे प्यारे लगे।।
सुंदरता जिन्हें देख लज़ावे,
सूरज चंदा शीश झुकावे,
वे तो निर्बल के बलराम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
धनुष तोड़ प्रभु सिये को धारे,
पत्थर नार अहिल्या तारे,
वे तो पतितो के सीता राम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
वन वन जा प्रभु राक्षस मारे,
खर दूषन बाली को तारे,
गीध मर गये प्रभु के काम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
रावण को लंका में मारे,
भक्तों को प्रभु ने उद्धारे,
‘राजेन्द्र’ जपते प्रभु को नाम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
मोरे श्यामल वरन के राम,
राम मोहे प्यारे लगे।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340