मोरी अरज सुनो गणराजा,
हे देवो के महाराजा।
दोहा – कहते तेरे दर पे,
बनता है नसीबा सबका,
तू ही सुनता है सबके दुखड़े,
तू ही है दाता सबका,
एक मेरी फरियाद भी,
सुनले भगवन,
तू ही चलाता है जग में,
खाता सबका।
मोरी अरज सुनो गणराजा,
हे देवो के महाराजा,
मोरे भाग्य जगाने आजा,
मोरे भाग्य जगाने आजा,
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा।।
देखे – मोरे अंगना गजानंद आए री।
तेरे दर पे देखे है मैंने,
मंगतो की झोली भरती है,
और काम सभी बन जाते है,
बिगड़ी तकदीर संवरती है,
बिगड़ी तकदीर संवरती है,
मोरी लाज रखो गणराजा,
हे देवो के महाराजा,
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा।।
दर दर की ठोकर खाकर मैं,
अब द्वार तुम्हारे आई हूँ,
बस तुमसे आस लगाई है,
फरियाद यही मैं लाइ हूँ,
फरियाद यही मैं लाइ हूँ,
मोरी विपत हरो गणराजा,
हे देवो के महाराजा,
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा।।
अंतिम यही इच्छा मेरी,
दिन रात तेरे गुण गाऊं मैं,
हर शाम सुबह तेरा नाम जपूँ,
तेरी चौखट पे मर जाऊं मैं,
तेरी चौखट पे मर जाऊं मैं,
मेरी सुध लो गणराजा,
हे देवो के महाराजा,
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा।।
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा,
मोरे भाग्य जगाने आजा,
मोरे भाग्य जगाने आजा,
मोरी अरज सुनों गणराजा,
हे देवो के महाराजा।।
Singer – Shahnaaz Akhtar