समाय गई रे समाय गई रे,
मोरी सुरती पिया में,
समाय गई रे।।
जब से संग सतगुरु जी की पाई,
जब से संग सतगुरु जी की पाई,
भगति के रंग में रंगाय गई रे,
मोरी सुरती पिया मे,
समाय गई रे।।
नख सिख मेल उतार दिए सब,
नख सिख मेल उतार दिए सब,
पिया के मन को ये भाय गई रे,
मोरी सुरती पिया मे,
समाय गई रे।।
कहे हरिदास भीकू बाई शरणे,
कहे हरिदास भीकू बाई शरणे,
जग को ये पीठ दिखाय गई रे,
मोरी सुरती पिया मे,
समाय गई रे।।
समाय गई रे समाय गई रे,
मोरी सुरती पिया में,
समाय गई रे।।
प्रेषक – प्रमोद पटेल।
यूट्यूब पर – 1.निमाड़ी भजन संग्रह।
2.प्रमोद पटेल सा रे गा मा पा
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