मोरूडा सिरे मंदिर गढ,
मीठो मीठो बोल्यो रे,
अरे मोरुडा किर्ण्यागिरी मे,
मिठो मिठो बोल्यो रे,
अरे मोरुड़ा प्रभाते हिवडे रा,
पट खोलियो रे,
मोरुडा सब भक्तो ने,
दाय घणेरो आयो रे।।
अरे मोरूडा नाथजी रो,
जयकारो लगवायो रे,
हो मोरुडा नवनाथो रे,
मन मे घणेरो भायो रे,
मोरुडा शिव भक्ति रो,
अमृत मेह बर्षायो रे।।
मोरूडा थे नाथजी रो,
जय कारो लगायो रे,
अरे मोरूडा सब भक्तो रे,
मन मे घणेरो भायो रे,
हो मोरुड़ा प्रभातों रो,
पीरजी ने जगायो रे,
अरे मोरुडा पीर बावसी,
चुगो थने चुगायो रे।।
अरे मोरुडा केशरनाथजी री,
अद्धभुत वाणी गायो रे,
अरे मोरुड़ा गोरक्षनाथजी रे,
चरणों में शीश निंवाई रे,
हो मोरुडा भजन भाव री,
ताल मे ताल मिलायो रे।।
मोरुडा सिरेमंदिर रा बागो मे,
प्यारो बोलियों रे,
अरे मोरुड़ा भक्तो रे मन मे,
अमृत रस थू घोलियो रे,
मोरुडा गुरु गंगानाथजी ने,
दाय घणो थू आयो रे,
अरे मोरुड़ा निर्मलनाथजी रे,
मन मे घणेरो रो भायो रे।।
अरे मोरुडा नवनाथो री,
तपोभोम मे बोेलियो रे,
हो मोरुड़ा मान सरोवर,
पियारो घणो बोलियो रे,
अरे मोरुडा चितरणी मे,
सोहणो घणो बेलियो रे।।
मोरुड़ा कमलनाथजी ने,
दाय घणेरो आयो रे,
अरे मोरुड़ा प्रेमनाथजी रे,
निर्मल मन मे भायो रे,
हो मोरुड़ा ईश्वरनाथजी,
ने पसन्द घणेरो आयो रे,
अरे मोरुड़ा शेर नाथजी रे,
मन मोई भक्ति जगायो रे।।
मोरुड़ा भागली नगर सुँ,
सिरेमिन्दर गढ आयो रे,
अरे मोरुडा भवर सिंह,
भक्ति सुँ भजन लिखाया रे,
हो मोरुड़ा शारदा सुथार,
ओ जबरो घणेरो गायो रे,
अरे मोरुडा जोरावर ने,
दाय घणेरो आयो रे,
अरे मोरुडा सिरेमिन्दर गढ,
मिठो-मिठो घणो बोलियों रे।।
मोरूडा सिरे मंदिर गढ,
मीठो मीठो बोल्यो रे,
अरे मोरुडा किर्ण्यागिरी मे,
मिठो मिठो बोल्यो रे,
अरे मोरुड़ा प्रभाते हिवडे रा,
पट खोलियो रे,
मोरुडा सब भक्तो ने,
दाय घणेरो आयो रे।।
भजन प्रेषक – मदनसिंह जोरावत बागरा
लेखक – भवरसिंह जोरावत भागली