मोतियों की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है,
इस में कही भी सूरत,
मेरे राम की नहीं है,
मोतियो की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है।।
हीरे मोती से मुझे भला क्या काम है,
मेरे मन के मंदिर में मेरे राम है,
मैं हूँ राम का दीवाना,
जाने ये सब जमाना,
करने को सेवा प्रभु की,
सांसे मुझे मिली है,
मोतियो की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है।।
मेरे हर श्वास पर प्रभु राम का नाम है,
प्रभु राम के चरणों में मेरा धाम है,
जा कर बजा दूँ डंका,
पल में जला दूँ लंका,
सिया राम बसते मन में,
ह्रदय छवि बसी है,
मोतियो की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है।।
सच्ची भक्ति का मतलब,
हनुमान ने समझा दिया,
सीना चीर के सियाराम का,
दर्श करा दिया,
फिर मुख ना कोई खोले,
श्री राम उठ के बोले,
भक्त शिरोमणि है हनुमत,
श्री राम ने कही है,
मोतियो की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है।।
मोतियों की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है,
इस में कही भी सूरत,
मेरे राम की नहीं है,
मोतियो की है ये माला,
मेरे काम की नहीं है।।
गायक – राजेश लोहिया जी।
प्रेषक – नरेंद्र अग्रवाल (रामनगर उप्र)