मुझ जैसे पापी पे तेरी नज़र है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है,
मैं हूँ नालायक फिर भी मेहर है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है।।
तर्ज – सागर किनारे।
अवगुणो को मेरे तुमने भुलाया,
करुणा दिखाई बाबा अपना बनाया,
जीवन की राहों में चलना सिखाया,
“तेरा जागते सोते शुकर करूँ,
तेरा हँसते रोते शुकर करूँ,
तुझे जब जब देखूं शुकर करूँ,
जब माथा टेकूं शुकर करूँ,”
तेरी कृपा का मुझपे असर है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है।।
तुझसे हुई जबसे पहचान बाबा,
जीना हुआ जग में आसान बाबा,
हर कोई देता है सम्मान बाबा,
“तेरा आते जाते शुकर करूँ,
तेरा दर्शन पाके शुकर करूँ,
तेरा पीते खाते शुकर करूँ,
तेरा नाचते गाते शुकर करूँ,”
न कोई चिंता ना ही फिकर है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है।।
अब तक निभाई जैसे आगे भी निभाना,
चौखट से अपनी ना हमको हटाना,
चरणों में अपने देना मुझको ठिकाना,
“तेरा अंतर्मन से शुकर करूँ,
तेरा तन मन धन से शुकर करूँ,
तेरा हर सुख पाके शुकर करूँ,
हर दुःख को भुलाके शुकर करूँ,”
‘रोमी’ की रखता पल पल खबर है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है।।
मुझ जैसे पापी पे तेरी नज़र है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है,
मैं हूँ नालायक फिर भी मेहर है,
तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है।।
Singer & Writer – Sardar Romi Ji