मुझे भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया,
मेरा तरसे है मन,
नाचूं हो के मगन,
मेरे रघुनंदन,
तेरी शरण,
मुझें भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया।bd।
तर्ज – कौन दिशा में।
जपत जपत के नाम तुम्हारा,
गाऊ मैं गुणगान हो,
जी चाहे आ जाऊ मैं उड़के,
अवधपुरी के धाम हो,
घूम घूम के मेला देखूं,
घूम घूम के मेला देखूं,
नाचूं नौ नौ ताल हो,
ढोल नगाड़े गूंजे,
कानों में मुरलिया,
मेरा तरसे है मन,
नाचूं हो के मगन,
मेरे रघुनंदन,
तेरी शरण,
मुझें भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया।bd।
सीताराम के दर्शन पाने,
पैदल चलके मैं आऊं,
जी मेरा चाहे राम मैं तुमको,
मन का हाल सुना जाऊं,
छूटे ना कभी प्रीत हमारी,
छूटे ना कभी प्रीत हमारी,
प्रीत की रीत निभा जाओ,
बड़ी ही कठिन ‘शानु’,
प्रेम डगरिया,
मेरा तरसे है मन,
नाचूं हो के मगन,
मेरे रघुनंदन,
तेरी शरण,
मुझें भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया।bd।
जब से तेरे रामा द्वार में आया,
आनंद ही आनंद हो,
तेरी रजा में राजी मैं रामा,
मन है मेरा रजामंद हो,
मौज उड़ाता तेरी दया से,
मौज उड़ाता तेरी दया से,
दिल में भरी है उमंग हो,
तेरा मेरा साथ रामा,
कभी नहीं छूटे,
मेरा तरसे है मन,
नाचूं हो के मगन,
मेरे रघुनंदन,
तेरी शरण,
मुझें भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया।bd।
मुझे भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया,
मेरा तरसे है मन,
नाचूं हो के मगन,
मेरे रघुनंदन,
तेरी शरण,
मुझें भी बुला ले,
रामा अवध नगरिया।bd।
Singer – Rajesh Sormare