मुझे दो बातें अच्छी लगती है,
ग्यारस को खाटू जाना,
श्री श्याम के दर्शन पाना,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
आता है बुलावा मेरा,
जब भी खाटू धाम से,
सोचता हूं यह बोलूंगा,
जाके बाबा श्याम से,
मुझे दो बातें अच्छी लगती हैं,
ग्यारस की ज्योत जगाना,
बाबा को भजन सुनाना,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
देखता हूँ जब जब मैं,
श्याम के श्रृंगार को,
सोचता हूं यह बोलूंगा,
अपने सरकार को,
मुझे दो बातें अच्छी लगती हैं,
बाबा को खूब सजाना,
वारी बलिहारी जाना,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
होता है दीदार बातें,
दिल में रह जाती है,
हरपल बरसती आंखें,
इतना ही कह पाती है,
मुझे दो बातें अच्छी लगती हैं,
तेरा सबको दर पर बुलाना,
भक्तों पर प्यार लुटाना,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
प्रेमी जनों की आंखें,
सांवरा भी खोलता,
लगता है ‘रोमी’ मुझसे,
सांवरा ये बोलता,
मुझे दो बातें अच्छी लगती हैं,
भक्तों का नियम निभाना,
मुझ पर विश्वास दिखाना,
Bhajan Diary Lyrics,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
मुझे दो बातें अच्छी लगती है,
ग्यारस को खाटू जाना,
श्री श्याम के दर्शन पाना,
मुझे दो बाते अच्छी लगती हैं।।
गायक – सरदार हरमिंदर सिंह जी रोमी।
प्रेषक – केशव जी शर्मा।
8708012470